भाजपा को पुनर्निर्माण की जरूरत, संजय जोशी की वापसी से मिलेगा संगठन को बल – विवेक दत्ता

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सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देशभर में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ी है। 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनावों में अपेक्षित सफलता न मिलने के बाद संगठन में मंथन की आवश्यकता महसूस की जा रही है। भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है, और पार्टी के भीतर संवादहीनता का माहौल बनता जा रहा है।

ऐसे में सिलीगुड़ी जिला भाजपा ओबीसी मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष, हिंदू जागरण मंच उत्तर बंग प्रांत लैंड जिहाद विरोधी प्रमुख और गडकरी ब्रिगेड फाउंडेशन के संगठन मंत्री (पश्चिम बंगाल) विवेक दत्ता ने संजय जोशी को पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका देने की मांग की है। उनका कहना है कि संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए संजय जोशी जैसे जमीनी नेताओं की सख्त जरूरत है।


संजय जोशी – भाजपा के लिए संगठनात्मक संजीवनी

भाजपा में संजय जोशी को एक ऐसा नेता माना जाता है, जिन्होंने पार्टी की जड़ों को मजबूत करने में अहम योगदान दिया है। वे कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं और संगठन को निःस्वार्थ भाव से चलाने के लिए जाने जाते हैं।

विवेक दत्ता ने कहा:
“आज जब बड़े भाजपा नेता जमीनी कार्यकर्ताओं से दूरी बनाए हुए हैं, तब संजय जोशी जी जैसे नेता संगठन में कार्यकर्ताओं का विश्वास बहाल कर सकते हैं। वे न केवल कार्यकर्ताओं की सुनते हैं, बल्कि उन्हें उचित मार्गदर्शन भी देते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि जोशी जी के संगठन कौशल की जितनी सराहना की जाए, उतनी कम है। उनकी नीतियां भाजपा को 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में मजबूती प्रदान कर सकती हैं।


2021 पश्चिम बंगाल चुनाव – संगठन की विफलता बनी हार का कारण

विवेक दत्ता का मानना है कि 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार का असली कारण संगठनात्मक विफलता थी। पार्टी ने बाहरी नेताओं को टिकट देकर जमीनी कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया, जिससे असंतोष बढ़ा और इसका सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ा।

“भाजपा ने बाहरी नेताओं पर ज्यादा भरोसा किया और अपने वर्षों से मेहनत कर रहे कार्यकर्ताओं को पीछे छोड़ दिया। इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा,” विवेक दत्ता ने कहा।


2024 लोकसभा चुनाव – ‘400 पार’ के नारे के बावजूद बंगाल में सीटें घटीं

2024 लोकसभा चुनावों में भाजपा ने पूरे देश में “अबकी बार 400 पार” का नारा दिया था, लेकिन पश्चिम बंगाल में पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली।

2019 में भाजपा ने पश्चिम बंगाल में 18 सीटें जीती थीं, लेकिन 2024 में यह संख्या घटकर 12 रह गई। इस गिरावट का मुख्य कारण संगठन में समन्वय की कमी और जमीनी स्तर पर भाजपा की पकड़ कमजोर होना रहा।

विवेक दत्ता ने कहा:
“भाजपा के पास रणनीति थी, लेकिन रणकौशल की भारी कमी थी। जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी और संगठन में संवादहीनता से पार्टी को नुकसान हुआ।”

उन्होंने आगे कहा कि यदि भाजपा नेतृत्व इस गलती को नहीं सुधारता, तो 2026 के विधानसभा चुनावों में भी पार्टी को नुकसान हो सकता है।


भाजपा को संजय जोशी की वापसी से मिलेगा नया जीवन

विवेक दत्ता का स्पष्ट मत है कि अगर भाजपा को 2026 में पश्चिम बंगाल में सत्ता में आना है और 2029 के आम चुनावों में शानदार प्रदर्शन करना है, तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को संजय जोशी जी को पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका देनी होगी।

“संजय जोशी जी के पास संगठन कौशल है, वे जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ जुड़े रहते हैं और उन्होंने भाजपा को मजबूती देने के लिए हमेशा कार्य किया है। अगर उन्हें पार्टी का महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा जाता है, तो भाजपा फिर से अपने सुनहरे दौर में लौट सकती है।”


भाजपा के लिए आगे की राह – कार्यकर्ताओं को महत्व देना होगा

विवेक दत्ता का मानना है कि भाजपा को अब अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। पार्टी को जमीनी कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देनी होगी और उन्हें उचित सम्मान देना होगा।

“अगर भाजपा अपने समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करती रही, तो पार्टी की नींव कमजोर होती जाएगी। कार्यकर्ताओं को संगठन की धुरी माना जाना चाहिए, न कि चुनावी गणित का मात्र एक हिस्सा।”

उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा नेतृत्व से संजय जोशी जी को संगठन में अहम भूमिका देने की अपील की, ताकि पार्टी को एक नया जीवन मिल सके।


निष्कर्ष

विवेक दत्ता के अनुसार, भाजपा को 2026 और 2029 में शानदार जीत दर्ज करने के लिए अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करना होगा। इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को संजय जोशी जी को संगठन में अहम जिम्मेदारी देनी चाहिए।

“अगर संजय जोशी जी भाजपा संगठन का नेतृत्व संभालते हैं, तो कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और भाजपा को 2026 तथा 2029 में शानदार सफलता मिल सकती है।”

उन्होंने कहा कि “अगर भाजपा सही समय पर सही निर्णय लेती है, तो भारत को ‘श्रेष्ठ भारत’ बनाने का सपना जल्द पूरा हो सकता है।”


(यह लेख लेखक के निजी विचार हैं। इसे The Bharat Pulse के आधिकारिक विचार न समझा जाए।)

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