महाशिवरात्रि 2025 भगवान शिव की आराधना का महापर्व जानिए महत्व और पूजन विधि
26 फरवरी : महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि 8 मार्च 2025 को धूमधाम से मनाई जाएगी। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में भी जाना जाता है।
महाशिवरात्रि का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन व्रत रखने और रात्रि जागरण करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिव पुराण में उल्लेखित है कि इस दिन भगवान शिव स्वयं अपनी दिव्य ऊर्जा से भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।
पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि के दिन प्रातःकाल स्नान कर शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। इस दौरान दूध, जल, बेलपत्र, धतूरा, भांग और शहद अर्पित करना शुभ माना जाता है। रात्रि में चार प्रहर की पूजा का विशेष महत्व होता है।
शिवरात्रि पर विशेष आयोजन
देशभर के शिव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। उत्तराखंड के प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव (देहरादून) और नीलकंठ महादेव मंदिर (ऋषिकेश) में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं।
उपवास का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि का व्रत रखने से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक शुद्धि भी होती है। यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख, दांपत्य जीवन में समृद्धि और मनोकामना पूर्ति के लिए रखा जाता है।
देशभर में उत्साह
महाशिवरात्रि के अवसर पर विभिन्न राज्यों में कांवड़ यात्रा, शिव बारात और जागरण जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो जाता है।
इस पावन अवसर पर भगवान शिव की उपासना से समस्त कष्टों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। देशभर में महाशिवरात्रि को लेकर भक्तों में विशेष उत्साह देखने को मिलता है। पूरे देश में धूमधाम से महाशिवरात्रि मनाई जाती है।
— The Bharat Pulse