युवाओं में बढ़ता हृदय रोग: क्या आपकी लाइफस्टाइल बन रही है खतरा?
भारत में हृदय रोग (हार्ट डिजीज) तेजी से बढ़ रहा है, और चौंकाने वाली बात यह है कि अब यह केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। हालिया मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार, 40 साल से कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के मामलों में 15% तक की बढ़ोतरी हुई है। डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस वृद्धि का मुख्य कारण बदलती जीवनशैली है।
हृदय रोग बढ़ने के मुख्य कारण:
1. अनियमित खानपान: जंक फूड, अत्यधिक तला-भुना खाना और अधिक वसा युक्त भोजन धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा कर हृदय रोग को बढ़ावा देते हैं।
2. मानसिक तनाव: ऑफिस वर्कलोड, व्यक्तिगत जिम्मेदारियाँ और डिजिटल दुनिया का दबाव युवाओं में तनाव बढ़ा रहा है, जिससे हृदय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
3. धूम्रपान और शराब: तंबाकू और शराब का अधिक सेवन रक्तचाप और हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है।
4. शारीरिक गतिविधियों की कमी: अधिकतर युवा दिनभर ऑफिस या घर में बैठे रहते हैं, जिससे मोटापा और अन्य हृदय संबंधी समस्याएँ बढ़ती हैं।
5. अनिद्रा और डिजिटल स्क्रीन का अधिक इस्तेमाल: देर रात तक मोबाइल और लैपटॉप चलाने से नींद की कमी हो रही है, जिससे शरीर और हृदय पर बुरा असर पड़ता है।
कैसे बचा जा सकता है?
संतुलित आहार लें – हरी सब्जियाँ, फल, सूखे मेवे और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त भोजन को प्राथमिकता दें।
नियमित व्यायाम करें – योग, सैर, दौड़ना या जिम वर्कआउट को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
तनाव कम करें – मेडिटेशन, संगीत और अच्छी नींद के जरिए मानसिक शांति बनाए रखें।
धूम्रपान और शराब से बचें – ये हृदय स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं।
नियमित हेल्थ चेकअप कराएँ – साल में कम से कम एक बार हृदय संबंधी जांच जरूर कराएँ।
डॉक्टरों का कहना है कि “हार्ट अटैक अब सिर्फ उम्रदराज लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं के लिए भी बड़ा खतरा बनता जा रहा है।” इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस गंभीर समस्या से बचा जा सकता है।
अगर आप अपने दिल का ख्याल रखेंगे, तो आपका दिल भी आपका ख्याल रखेगा!