हल्द्वानी, 1 मार्च: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में बांग्लादेशी घुसपैठियों की मौजूदगी को लेकर भारत रक्षा मंच ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। मंच के उत्तराखंड संगठन मंत्री आशीष बाजपेयी ने कहा कि हल्द्वानी के विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से झुग्गी बस्तियों में अवैध रूप से रह रहे लोग संदिग्ध हो सकते हैं। उन्होंने आशंका जताई कि इनमें बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए शामिल हो सकते हैं, जो अपनी पहचान छिपाकर रह रहे हैं।
गोलापार में आयोजित कार्यकर्ता परिचय बैठक में भारत रक्षा मंच के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर गहन चर्चा की। बैठक में तय किया गया कि मंच जल्द ही जनसमूह के साथ पदयात्रा आयोजित करेगा ताकि प्रशासन का ध्यान इस गंभीर विषय पर आकर्षित किया जा सके और अवैध रूप से बसाई गई झुग्गियों की गहन जांच कराई जा सके।
हिंदुओं के संसाधनों पर बढ़ता दबाव, धार्मिक प्रतीकों की बढ़ती उपस्थिति पर चिंता
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में अवैध रूप से बसने वाले बाहरी लोगों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है, जिससे हिंदू समाज के संसाधनों पर भारी दबाव पड़ रहा है। संगठन ने कहा कि यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो आने वाले वर्षों में उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में अल्पसंख्यकों का प्रभाव बढ़ सकता है।
बैठक में इस बात पर भी चिंता जताई गई कि हल्द्वानी और नैनीताल के कई क्षेत्रों में धार्मिक प्रतीकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो एक सुनियोजित प्रयास का संकेत देता है। इस पर प्रशासन और सरकार को जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।
धर्मांतरण और अवैध अतिक्रमण पर आक्रोश
भारत रक्षा मंच ने यह भी कहा कि हल्द्वानी में छोटी बच्चियों का धर्मांतरण एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है। संगठन ने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्व फल-सब्जी के ठेले और रेहड़ियों के नाम पर शहर की सड़कों पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर रहे हैं, जिससे न केवल यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि स्थानीय व्यापारियों और आम नागरिकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
संगठन ने शासन और प्रशासन से तुरंत इस मामले का संज्ञान लेने और अवैध रूप से बसने वाले लोगों की पहचान कर कार्रवाई करने की मांग की है।
भारत रक्षा मंच की आगामी रणनीति
भारत रक्षा मंच ने ऐलान किया कि वह इस विषय को लेकर सार्वजनिक जागरूकता अभियान चलाएगा और जल्द ही हल्द्वानी में एक बड़ी पदयात्रा का आयोजन करेगा। संगठन के अनुसार, यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार अवैध झुग्गियों की जांच कराकर, बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करती।
बैठक में शामिल प्रमुख लोग
इस दौरान बैठक में पंकज मेलखानी, यस पाल आर्य (पूर्व प्रधान), मीना जोशी, मीना राणा, रेनू रौतेला सहित कई प्रमुख कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।