चमोली, बद्रीनाथ 1 मार्च: उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा के पास हुए भीषण हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है। अब तक 50 श्रमिकों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है, जिनमें से 17 श्रमिकों को शनिवार सुबह बचाकर सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इस अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने शनिवार सुबह घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण किया और ज्योतिर्मठ में राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार का पूरा सहयोग
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं फोन पर अपडेट लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। गृह मंत्री श्री अमित शाह और रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह भी लगातार रेस्क्यू अभियान की जानकारी ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
05 श्रमिकों की तलाश जारी, आर्मी के स्निफर डॉग्स लगाए गए
अब तक 05 कंटेनरों को ट्रेस कर श्रमिकों को सुरक्षित निकाला गया है, लेकिन अत्यधिक बर्फबारी के कारण 03 कंटेनर अब भी नहीं मिल पाए हैं। आर्मी और आईटीबीपी के जवानों द्वारा इन्हें खोजने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। स्निफर डॉग्स की भी मदद ली जा रही है।
बचाव कार्य में हेलीकॉप्टर और एयर एंबुलेंस तैनात
शनिवार को बचाव कार्य में वायु सेना का एम.आई.-17 हेलीकॉप्टर, तीन चीता हेलीकॉप्टर, उत्तराखंड सरकार के 02 हेलीकॉप्टर और एम्स ऋषिकेश की एक एयर एंबुलेंस को तैनात किया गया। अब तक 29 श्रमिकों को हेलीकॉप्टर से ज्योतिर्मठ लाया गया, जहां उनका उपचार सेना के अस्पताल में किया जा रहा है।
भारी बर्फबारी से बढ़ी चुनौतियां, संचार बहाली के निर्देश
मुख्यमंत्री ने बताया कि घटनास्थल पर 06-07 फीट तक बर्फ जमा हो चुकी है। इसके चलते कई गांवों से संपर्क टूट गया है। उन्होंने प्रशासन को बिजली, संचार और इंटरनेट सेवाओं को तुरंत बहाल करने के निर्देश दिए हैं। सेटेलाइट फोन भी प्रभावित क्षेत्रों में भेजे जा रहे हैं।
सैलानियों से अपील: अगले 3 दिन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यात्रा न करें
मुख्यमंत्री ने औली, हर्षिल जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौजूद पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अगले तीन दिनों तक इन इलाकों की यात्रा न करने की अपील की है।
अलकनंदा नदी जमी, खतरे की आशंका
मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण के दौरान पाया कि भारी बर्फबारी के कारण अलकनंदा नदी जम गई है। उन्होंने अधिकारियों को तुरंत इसकी रेकी कर संभावित खतरे का आकलन करने के निर्देश दिए हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी केंद्र और राज्य की एजेंसियां
माणा स्थित आर्मी बेस कैंप के पास आर्मी हेलीपैड को तैयार कर लिया गया है। केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियां पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ बचाव अभियान में जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि सभी फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित निकाला जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हमारी सरकार हर नागरिक की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। बचाव कार्यों में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।” प्रशासन, सेना, आईटीबीपी और अन्य एजेंसियां पूरी मुस्तैदी के साथ राहत और बचाव कार्य में लगी हैं।
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