सैनिक स्कूल कोरुकोंडा: भारतीय सेना के भविष्य के अधिकारियों की पाठशाला

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भारत में सैन्य शिक्षा और अनुशासन की आधारशिला रखने वाले संस्थानों में सैनिक स्कूल कोरुकोंडा का महत्वपूर्ण स्थान है। यह स्कूल उन छात्रों को प्रशिक्षण देता है जो भविष्य में भारतीय सेना में अधिकारी बनने का सपना देखते हैं।

कैसे होता है दाखिला?

सैनिक स्कूल कोरुकोंडा में प्रवेश पाने के लिए छात्रों को ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जाम (AISSEE) देना होता है। यह परीक्षा कक्षा 6वीं और 9वीं में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। परीक्षा में सफल होने के बाद, छात्रों को मेडिकल टेस्ट और इंटरव्यू की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

कैसा होता है प्रशिक्षण?

इस स्कूल में छात्रों को न केवल उच्च स्तरीय शिक्षा दी जाती है, बल्कि उन्हें शारीरिक प्रशिक्षण, अनुशासन, और नेतृत्व कौशल का भी विकास कराया जाता है।

 

शारीरिक प्रशिक्षण: छात्रों को विभिन्न खेलों और फिजिकल एक्टिविटीज में भाग लेना अनिवार्य होता है।

सैन्य अनुशासन: रोजमर्रा की दिनचर्या को सैन्य जीवन के अनुरूप रखा जाता है, जिससे छात्रों में अनुशासन की भावना विकसित हो।

 

नेतृत्व कौशल: ग्रुप डिस्कशन, डिबेट और अन्य एक्टिविटीज के माध्यम से छात्रों को नेतृत्व कौशल विकसित करने का अवसर दिया जाता है।

 

 

एनडीए और आगे की राह

सैनिक स्कूल कोरुकोंडा से पढ़कर निकले छात्र राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और अन्य सैन्य अकादमियों में प्रवेश लेकर भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में अधिकारी बनते हैं। कई पूर्व छात्र आज भारतीय सेना में उच्च पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

 

देश सेवा के लिए पहला कदम

सैनिक स्कूल कोरुकोंडा न केवल छात्रों को शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि उन्हें एक सच्चे देशभक्त और अनुशासित नागरिक बनने के लिए प्रेरित करता है। यह स्कूल भारतीय सेना के भविष्य के नेतृत्व को तैयार करने में अहम भूमिका निभा रहा है।

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