उत्तराखंड में 130 करोड़ का गबन: यूपी राजकीय निर्माण निगम के 5 पूर्व अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज
उत्तराखंड में आईटीआई संस्थानों, दून मेडिकल कॉलेज के ओपीडी भवन और अन्य निर्माण कार्यों में 130 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का मामला सामने आया है। इस घोटाले के आरोप में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (UPRNN) ने अपने 5 पूर्व अधिकारियों के खिलाफ देहरादून के थाना नेहरू कॉलोनी में मुकदमा दर्ज कराया है।
कैसे हुआ करोड़ों का घोटाला?
साल 2012 से 2018 के बीच उत्तराखंड सरकार ने यूपीआरएनएन को कई अहम निर्माण कार्य सौंपे थे, जिनमें शामिल थे:
आईटीआई संस्थानों के भवन
डिजास्टर रिलीफ सेंटर
पर्यटन विभाग के निर्माण कार्य
बैकअप एनर्जी प्रोजेक्ट
दून मेडिकल कॉलेज के ओपीडी ब्लॉक भवन का निर्माण
लेकिन इन परियोजनाओं में निर्माण निगम के तत्कालीन अधिकारियों ने लेखा अधिकारी के साथ मिलीभगत करके करोड़ों रुपये का घोटाला कर दिया।
जांच में सामने आया घोटाले का सच
इस गड़बड़ी की भनक लगते ही 2019 में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम ने विभागीय जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि निगम के अधिकारियों ने बिना जमीन अधिग्रहण के करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया था। मनमाने ढंग से निर्माण कार्यों के नाम पर बड़ी रकम निकाली गई, जो सीधे तौर पर घोटाले की ओर इशारा करता है।
किन अधिकारियों पर हुआ मुकदमा?
विभागीय जांच के बाद यूपीआरएनएन यूनिट 1 के अपर परियोजना प्रबंधक ने निगम के 5 पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। जिन पर केस दर्ज हुआ है, वे हैं:
1. शिव आसरे शर्मा (तत्कालीन परियोजना अधिकारी)
2. प्रदीप कुमार शर्मा (तत्कालीन परियोजना प्रबंधक)
3. राम प्रकाश गुप्ता (सहायक लेखा अधिकारी)
4. सतीश कुमार उपाध्याय (स्थानिक अभियंता)
5. वीरेंद्र कुमार (सहायक लेखा अधिकारी)
आगे की कार्रवाई
देहरादून पुलिस ने इस घोटाले की गहन जांच शुरू कर दी है। इस मामले में और भी अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं।